कहने में अच्छा नहीं लगा है,लेकिन सत्य है.उसके बाद देश क कानून भी उसी उजाडनेवाले पछ को सहानुभूति देता है.
शादी के समय होनेवाली छोटी-छोटी बातें शादी के पश्चात बहुत बडी -बडी, लडकी की माँ द्वारा लडकी के माध्यम से बनाना शुरू हो जाता है.
जिसका सामना उसके पति को करना पडता है, और उसकी विचार धारा लडकी(अपनी पत्नी) के प्रति कठोर होने लगती है.फिर बाद में बहुत बडी समस्या बन जाती है.यदि शुरूआत में ही यदि लडकी की माँ धीरज से काम लेकर यदि अपनी बेटी को दूसरे घर के रीतिरिवाज़ समझने के लिये जोर दे,तब लड्की भी सोचने के लिये मजबूर होगी कि अब उसके लिये पति के घर से समझौता करने के सिवाय और कोई उपाय नहीं है.
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